Bhagavad Gita Chapter 7 in Hindi – ज्ञान विज्ञान योग के 30 श्लोकों का सरल अर्थ

Bhagavad Gita Chapter 7 in Hindi – ज्ञान विज्ञान योग के 30 श्लोकों का सरल अर्थ ✅ 📌 प्रस्तावना भगवद गीता अध्याय 7 – ज्ञान विज्ञान योग, श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गहन ज्ञान और विज्ञान का अद्भुत संगम है। इस अध्याय में कुल 30 श्लोक हैं। श्रीकृष्ण इस अध्याय में अर्जुन को यह बताते हैं कि वह किस प्रकार से समस्त जगत के मूल कारण हैं — और उनका प्राकृत और अपार प्रकृति से क्या संबंध है। ज्ञान विज्ञान योग में भगवान स्वयं को सम्पूर्ण जगत का आधार बताते हैं और यह भी समझाते हैं कि कैसे अद्वितीय भक्ति और ज्ञान से ही मनुष्य उन्हें जान सकता है। इस अध्याय में माया, प्रकृति, जीव और ब्रह्म की महिमा विस्तार से समझाई गई है। भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि कैसे दुर्लभ भक्ति से ही जीव मोक्ष प्राप्त करता है और संसार के बंधनों से मुक्त होता है। यह अध्याय एक साधक को ज्ञान, विज्ञान और भक्ति तीनों का अद्भुत मेल सिखाता है। 👉 अगर आपने पहले के अध्याय नहीं पढ़े हैं, तो Chapter 1 से Chapter 6 तक जरूर पढ़ें। Bhagavad Gita Chapter 1 Bhagavad Gita Chapter 2 Bhagavad Gita Chapter 3 Bhagavad Gita Chapter 4 Bhagavad Git...